इस्लामिया इण्टर कालेज के जीव विज्ञान प्रयोगशाला कक्ष में आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर महिलायें एक गोष्ठी का किया आयोजन

हुस्नबानो की रिपोर्ट 
शाहजहाँपुर: इस्लामिया इण्टर कालेज के जीव विज्ञान प्रयोगशाला कक्ष में आयोजित मिशन शक्ति सप्ताह के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर सफल महिलायें एक परिचय विषय के अन्तर्गत एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय के शिक्षकगणों के साथ-साथ छात्रों ने भी प्रतिभाग किया इस अवसर पर छात्रों में से संदेश दुर्वेश सैनी कक्षा 11ई, मोहम्मद अमन कक्षा 11ई एवं मोहम्मद ज़ेहान वार सी 11ई क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया । गोष्ठी में  विचार रखते हुए डॉ0 मलिक असमत अली ने कहा कि भारत में महिलाओं को आदि काल से ही बड़े सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। क्योंकि भारतीय संस्कृति में महिलाओं को माता की दृष्टि से देखने का चलन पूर्व  से ही प्रचलित है। जब- जब महिलाओं के स्थान को किसी अन्य प्राणी को देने की राजनीतिक कुचेष्टा की गयी तब-तब महिलाओं पर अत्याचार व बलात्कार की घटनाओं का बज्र गिरना शुरू हुआ जब तक हमारे हृदय में महिलाओं के लिए मातृत्व की भावना जागृत नहीं होगी तब तक महिलाओं को उनके उचित  सम्मान की प्राप्ति नहीं होंगी महिला कोई भोग- विलास की वस्तु नहीं कि उसे भोग कर छोड़ दिया जाय बल्कि महिला धरती पर ईश्वरीय स्वरूप है जो मानव उत्पत्ति मे मुख्य भूमिका में इंगित है । दूसरी ओर संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुये अंग्रेजी के प्रवक्ता श्री इश्तियाक अली ने कहा महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। भारतीय संविधान में महिलाओं को विशेष सम्मान प्राप्त है । आज के भारतीय इतिहास में देश की उन्नति में महिलाओं की सहभागिता को भुलाया नहीं जा सकता। जहाँ राजनीति में श्रीमती इन्दिरा गाँधी, प्रतिभा पाटिल, राबड़ी देवी, फातिमा बीबी, श्रीमती एनी वेसेन्ट, रानी लक्ष्मीबाई व रजिया सुल्तान न योगदान को भुलाया नहीं जा सकता वहीं अन्य क्षेत्रों में  सानिया मिर्जा, साइना नेहवाल, दीपा करमाकर, खुशबू फातिमा, पीटी उषा के साथ- साथ साहित्य में महादेवी वर्मा, मीरा बाई, कुर्रतुल ऐन हैदर, असमत चुगताई, अमृता प्रीतम व कला के क्षेत्र में देविका रानी, नरगिस, मधुबाला, लता मंगेशकर, आशा भोसले, माधुरी दीक्षित व शबाना आज़मी को भुलाया नहीं जा सकता है । जब भी हमारे उपर शैतानी सवार हो तो एक बार अवश्य सोचना चाहिए कि हमारे मुल्क के विकास में महिलाओं का क्या योगदान रहा है। गोष्ठी का संचालन मोहम्मद अफरोज़ खान ने किया एवं इस अवसर पर कालेज के शिक्षकगणों में स निसार हसन खान, हुसैन मोहम्मद मुस्तफा, हन्नान अहमद, संजीव उपाध्याय, मोहम्मद हारून खान, मुजीबुर रहमान खान, मोहम्मद हसन, एवं मोहम्मद अब्दुल समद खान  आदि उपस्थित रहे।

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