पढ़ाई छोड़ कभी पान बेचा तो कभी टोकरी, चपरासी की नौकरी भी लगी फिर बने IAS

डॉ० गौहर अंसारी की रिपोर्ट
इतिहास विषय से बीए करने के बाद के बाद सिहाब ने आईएएस अफसर बनने का फैसला किया। इस वक्त तक सिहाब की शादी हो चुकी थी। लेकिन यहां जिंदगी ने एक बार फिर सिहाब की परीक्षा ली।
IAS मोहम्मद अली सिहाब। फोटो सोर्स- सोशल मीडिया
केरल का एक जिला है मालाप्पुरम मोहम्मद अली सिहाब  बहुत ही कम उम्र में सिहाब के साथ एक बड़ी घटना हुई। उनके पिता का देहांत हो गया पिता अपने पीछे 5 बच्चों और पत्नी को छोड़ कर गये थे घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी साहिब को जल्दी ही अनाथआलय भेज दिया गया यहां उन्होंने अपनी जिंदगी के अगले 10 साल गुजारे एक अनाथआलय से आईएएस अफसर तक का उनका सफर बेहद ही रोचक रहा।
यहां आपको यह भी बता दें कि सिहाब की जब पढ़ाई-लिखाई शुरू हुई तब कुछ ही दिनों बाद उन्हें घर की आर्थिक हालत को देखते हुए अपनी पढ़ाई-लिखाई बंद करनी पड़ी। घर को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए सिहाब ने पास बेचा और यहां तक की टोकरी भी बेची।
सिहाब ने सबसे पहले एक प्राइमरी टीचर के तौर पर अपना करियर शुरू किया उन्होंने कई अन्य नौकरियों में भी अपनी किस्मत आजमाई। उनका चयन, क्लर्क, चपरासी, जेल वार्डन, रेलवे टिकट कलेक्टर समेत कई अन्य पदों पर हुआ। केरल वॉटर अथॉरिटी में उनका चयन चपरासी के पद पर हुआ था ग्राम पंचायत में उनका चयन क्लर्क के पद पर हुआ था।
इतिहास विषय से बीए करने के बाद के बाद सिहाब ने आईएएस अफसर बनने का फैसला किया। इस वक्त तक सिहाब की शादी हो चुकी थी लेकिन यहां जिंदगी ने एक बार फिर सिहाब की परीक्षा ली जब सिहाब की बेटी का जन्म हुआ था तब उसके एक हाथ में पैरेलाइसिस था सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी और परीक्षा के दौरान उनको अपनी पढ़ाई और अस्पताल के बीच काफी समनव्य बैठाना पड़ता था।

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