राजस्थान बजट पर उठी आवाजें, घोषणाएं नहीं- काम करिए गहलोत जी

एम. ए. हक
राजस्थान में गहलोत सरकार द्वारा पेश किए गए बजट के एक दिन बाद ही इसके खिलाफ आवाज उठने लगी हैं। जहां कुछ विभागों द्वारा बजट घोषणा की सराहना की गई है, तो कुछ इसे झूठे वादों की झड़ी बता रहे हैं। बजट में कई बड़े वादे किए गए हैं जो वास्तव में सराहनीय है। लेकिन सरकार द्वारा पेश किए गए पिछले बजट के तीन बड़े वादे आज तक अधूरे पड़े हुए हैं, जिससे नए वादों के पूरे होने की कम ही गुंजाइश लोगों को दिखाई पड़ रही है।।देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप पर यह मुद्दा ज्वालामुखी के लावा की तरह गरमाया हुआ है। बजट पर कई न्यूज़ चैनल्स तथा नेतागणों ने इस मंच पर अपने विचार रखे हैं।
भारत के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म्स में से एक, इंडिपेंडेंट न्यूजवायर आईएएनएस ने कू करते हुए कहा है:
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की कि राज्य में 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले लोगों को 50 यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी गहलोत का #बजट शिक्षा और स्वास्थ्य पर केंद्रित रहा आपने एक रास्ता दिखा दिया ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर आपने कांग्रेस शासित राज्यों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर लिया है। हमने भी अपने घोषणापत्र में बहुत अध्ययन के बाद इस वादे को सम्मिलित किया है कि हम सत्ता में आएंगे पुरानी पेंशन लागू करेंगे। निश्चय ही उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनने की स्थिति में हम आपके निर्णय का लाभ उठाएंगे और तदनुसार उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की कि राज्य में 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने वाले लोगों को 50 यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी गहलोत का #बजट शिक्षा और स्वास्थ्य पर केंद्रित रहा आईएएनएस
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप के माध्यम से बजट को खोखला बताया:
गहलोत सरकार का बजट उस उपहार की तरह है जिसका रैपर तो बड़ा चमकीला और आकर्षक है लेकिन डिब्बा खाली है। जनता घोषणाएं नहीं काम देखना चाहती है। जो सरकार करप्शन में साफ इन्वॉल्व दिखती हो, उसके लुभावने वादों पर भरोसा नहीं होता। आशंका रहती है कि हर योजना में खेल होगा। सच यह है कि एक भी घोषणा जमीन पर और समय पर पूरी नहीं होगी गहलोत सरकार का बजट उस उपहार की तरह है। जिसका रैपर तो बड़ा चमकीला और आकर्षक है लेकिन डिब्बा खाली है। जनता घोषणाएं नहीं काम देखना चाहती है। जो सरकार करप्शन में साफ इन्वॉल्व दिखती हो, उसके लुभावने वादों पर भरोसा नहीं होता। आशंका रहती है कि हर योजना में खेल होगा सच ये है। कि एक भी घोषणा जमीन पर और समय पर पूरी नहीं होगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, अर्जुन राम मेघवाल ने भी कू ऐप पर ललकार लगाते हुए गहलोत सरकार पर चपत लगाई है।
छल करना बंद करो गहलोत जी पुरानी घोषणाओं को पूरा करो!
छल करना बंद करो गहलोत जी पुरानी घोषणाओं को पूरा करो झूठे हो तुम, झूठे तुम्हारे वादे धरातल पर काम कुछ करना नहीं सिर्फ़ खोखले वादे
बजट घोषणाएं भूल गई सरकार 
यदि पुराने बजट पर गौर करें, तो इस दौरान सरकार ने तीन बड़े वादे किए थे, जो आज तक अधूरे हैं। राज्य में महज़ 2 नए गर्ल्स कॉलेज खोले गए हैं और अब तक इनके भवन नहीं बने हैं। वहीं, टोडारायसिंह को पूर्ण मंडी का दर्जा देना बाकी है। टोंक में रेलवे लाइन के लिए अभी आधी राशि वहन करना बाकी है। गहलोत सरकार के तीनों बजट में घोषित कुछ न कुछ काम अधूरे ही है, ऐसे में नए वादों के पूरा होने में भी आशंका ही है।
बजट थोथी घोषणाओं वाला झूठ का पिटारा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी इस बजट को आमजन की उम्मीदों को तोड़ने वाला और झूठ का पिटारा बताते हुए गहलोत पर तंज कसा है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री यह बजट थोथी घोषणाओं से पूर्ण है। पहले के 3 वर्षों की घोषणाओं को भी धरातल पर लागू करने में विफल कांग्रेस सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।
कैलाश चौधरी ने बालोतरा के जिला घोषित नहीं होने को लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बालोतरा के जिला बनने को लेकर आश्वस्त क्षेत्रवासी इस बार भी घोषणा का इंतज़ार करते ही रह गए। प्रदेश के किसान सरकार द्वारा किए गए संपूर्ण कर्जमाफी के वादे की घोषणा का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन सरकार की वादाखिलाफी के कारण इस वर्ष भी किसानों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। 
गहलोत सरकार के बजट से सभी वर्गों को हुई है निराशा  
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कांग्रेस सरकार के प्रादेशिक बजट को सभी वर्गों को निराश करने वाला बताते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री गहलोत पहले 3 वर्षों से लगातार की जा रही घोषणाओं को धरातल पर लागू करने में भी पूर्ण रूप से विफल है। वहीं, पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष के बजट का अंतर 13,000 करोड़ रुपये का है, जबकि राज्य सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से प्रतीत होता है कि उसमें काफी ज्यादा धनराशि खर्च होगी। चौधरी ने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार प्रदेश में आई है, तब से अपराधों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, महिला अत्याचार भी तेजी से देखने को मिल रहे हैं, ऐसे में इस बजट में महिला सुरक्षा को लेकर कोई भी प्रावधान नहीं किया जाना आश्चर्यजनक है।

Comments

Popular posts from this blog

मड़ार बिन्दवलिया के कोट स्थान के सामने भीषण एक्सीडेंट एक बालक की हुई मौत

पूर्व ग्राम प्रधान के लड़के की हुई मौत

सड़क बन रहा है मानक विहीन