सैनिक पुनर्वास व कल्याण कार्यालय में शहीद स्मारक का माननीय कृषि मंत्री ने किया उद्घाटन

एम. ए. हक
देश में स्वतंत्रता के दिन से ही सीमाओं पर युद्ध शुरू हो चुका था।
विषम परिस्थितियों में हमें आजादी मिली है।
सैनिक पुनर्वास व कल्याण कार्यालय हेतु प्रदेश स्तर पर राज्य के बजट से 20 करोड़ के एकमुश्त अनुदान दिए जाने की प्रक्रिया विचाराधीन- कृषि मंत्री
कुशीनगर: 15 अगस्त को माननीय कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सूर्य प्रताप शाही जी द्वारा जिला सैनिक पुनर्वास व कल्याण कार्यालय में शहीद स्मारक का उद्घाटन व माल्यार्पण किया गया इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में माननीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज सारा देश हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता पर्व मना रहा है। देश के सैनिकों ने प्रारंभ से ही देश की सीमा के लिए संघर्ष किया, आहुतियां दी तथा सीमाओं की सुरक्षा के लिए प्रयास किया उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय देश को युद्ध में शामिल होने की इच्छा नहीं थी किंतु देश को तत्कालीन शासकों द्वारा युद्ध में सम्मिलित किया गया जिसमें भारत के सैनिक शहीद हुए और उन्होंने भारत का नाम रोशन किया। उन्होंने पूर्व सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए योजनाएं चलाई जाने की बात की उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1100 एकड़ से अधिक फॉर्म लीज पर दिया गया है और राज्य के बजट से 20 करोड़ का अनुदान दिए जाने की प्रक्रिया विचाराधीन है। जल्द ही उत्तर प्रदेश राज्य मंत्री परिषद इस पर निर्णय करेगी। 
मा0 मंत्री ने कहा कि देश में स्वतंत्रता के समय से ही सीमा पर युद्ध शुरू हो चुका था। नवोदित पाकिस्तान में ऐसी परिस्थितियां बन चुकी थी कि लोगों को अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए विवश किया जाता था । इन हालातों में भी  सैनिकों ने लगातार संघर्ष किया। हमें विषम परिस्थितियों में आजादी मिली और भारत के लिए फूट डालो और शासन की नीति अपनाई गई जिससे कि अखंड भारत सर्वशक्तिशाली नहीं हो पाए।
कृषि मंत्री जी ने कहा कि यह क्षण है देश के तत्कालीन परिस्थितियों का विश्लेषण करने का कि हमें किन हालात में स्वतंत्रता प्राप्त हुई। 1958 -59 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री कुशीनगर आए थे उन्होंने कहा कि आज भी 36000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र का चीन के कब्जे में रहना तात्कालिक सरकार की एक रणनीतिक कमजोरी थी  इन सब के बावजूद भी हमारे सैनिक वीर बहादुरी से लड़े हजारों सैनिकों ने बलिदान दिया कारगिल युद्ध में जनपद के शहीद मेजर अमिय त्रिपाठी को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कारगिल से पहले शहीद सैनिक की बॉडी परिवार को नहीं मिल पाती थी लेकिन माननीय प्रधानमंत्री की पहल पर उन्हें बड़े सम्मान के साथ घर पहुंचाए जाने की व्यवस्था की गई तथा अब परिवार को ₹ 50 लाख का अनुदान भी दिया जा रहा है। इस अवसर पर जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम ने माननीय कृषि मंत्री को विपरीत मौसम में भी उनकी उपस्थिति हेतु धन्यवाद दिया तथा विंग कमांडर आलोक सक्सेना को जनपद के पूर्व सैनिकों व परिवारों के कल्याण के लिए कार्य करने हेतु उत्साहवर्धक पहल हेतु धन्यवाद किया इस अवसर पर सैनिक पुनर्वास व कल्याण अधिकारी विंग कमांडर आलोक सक्सेना ने जनपद के 10000 सैनिकों की तरफ से मा0 कृषि मंत्री व अन्य गणमान्य का स्वागत किया, तथा उन्होंने नवनिर्मित शहीद स्मारक के निर्माण में जिलाधिकारी के योगदान को अभूतपूर्व बताया इस अवसर पर उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त 26 जनवरी और कारगिल दिवस के अवसर पर शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया जाएगा इस अवसर पर द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं को सम्मानित भी किया गया। माननीय कृषि मंत्री द्वारा 09 शहीद विधवाओं को शॉल व चेक प्रदान करके सम्मानित भी किया गया तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रित शशि शर्मा जी को भी मा0 मंत्री जी ने सम्मानित किया इस अवसर पर माननीय विधायक हाटा मोहन वर्मा, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रेमचंद्र मिश्र, भाजपा जिला महामंत्री मार्कंडेय शाही, जिलाधिकारी एस0 राजलिंगम, पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल, प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी उपमा पांडेय,  उपजिलाधिकारी कल्पना जायसवाल व अन्य जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारीगणों की उपस्थिति रही।

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