अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने ग्राम पंचायतों की 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानमंत्री को BDO ने० नौ० द्वारा सौंपा ज्ञापन
मुसैयद अली की रिपोर्ट
कुशीनगर: जनपद के ब्लॉक नेबुआ नौरंगिया मुख्ययालय पर 16 जनवरी 2023 सोमवार को अखिल भारतीय प्रधान संगठन द्वारा भारत के प्रधानमंत्री को BDO उषा पाल नेबुआ नौरंगिया द्वारा 15 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया। व ज्ञापन के द्वारा कहा गया कि ग्राम पंचायतों की सशक्तिकरण आर्थिक विकास समाजिक न्याय की संकल्पना पुरी करने में अवरोध उत्पन्न हो रही है। जो विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। जिसके सम्बन्ध में प्रमुख मांगे निम्नलिखित हैं।
(1) ग्राम पंचायतों में गंभीर समस्या बनी रहती है जिसके कारण मोबाइल से हाजिरी नहीं लग पा रही है अतः मोबाईल मॉनिटरिंग व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाई जाए तथा पुरानी अन्यथा व्यवस्था में सुधार किया जाय।
(2) माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा की गई घोषणा के क्रम में मनरेगा में 5 पांच लाख स्वीकृत वित्तीय के अधिकार पंचायतों को और मनरेगा के भुगतान हेतु ग्राम प्रधान को डोंगल प्रदान किया जाए। जिससे भुगतान पंचायत द्वारा ही किया जा सके ।
(3) मनरेगा का पैसा ग्राम पंचायतों के खाते में भेजा जाए ।जिससे लेवर और मटेरियल का भुगतान सुगमता पूर्वक किया जा सके।
(4) जनपद में मनरेगा द्वारा कराए गए कार्यों को बकाया मटेरियल वाले पैसे का तत्काल भुगतान कराया जाए।
(5) केंद्रीय वित्त व राज्य वित्त की धनराशि ग्राम पंचायतों में वर्तमान आबादी के हिसाब से 5 गुना बढ़ाया जाए ।
(6) ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत के संविदा कर्मियों का मानदेय व विद्युत बिल के भुगतान हेतु अलग से धनराशि पंचायतों को उपलब्ध कराया जाए।
(7) वर्ष 1993 में पारित 73वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत 29 विषय व उनसे जुड़े अधिकार कोष कार्य और पंचायत कर्मियों को पंचायतों को सौंपकर सत्ता विकेंद्रीकरण की आदर्श व्यवस्था लागू की जाए।
(8) सहायक सचिव कम डाटा इन्ट्री ऑपरेटर , शौचालय, केयरटेकर एवं प्रधान के मानदेय की व्यवस्था अलग से किया जाए। यार अतिरिक्त वित्त की व्यवस्था की जाए।
(9) ग्राम ग्राम प्रधान को न्यूनतम मानदेय ₹30000 तीस हजार रुपए प्रतिमा प्रदान किया जाए। तथा ग्राम सचिवों की तैनाती हेतु तत्काल कलक्टर व्यवस्था समाप्त की जाए। नए नियुक्ति कर प्रति पंचायत में एक स्थाई सचिव तैनात किया जाए ।
(10) ग्राम प्रधानों व सभी त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकरण से पूर्व उप निदेशक पंचायती राज से अनुमति के प्रविधान का
वादा किया गया था, उसे तत्काल लागू किया जाए तथा विना शपथ पत्र के जांच न कराई जाए। व झूठी शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अनिवार्य रूप से किया जाए।
(11) जिन ब्लॉकों में आवास का डेटा नहीं खुला है उसे खोला जाए और सर्वे कराकर नया डेटा जोड़ा जाए तथा ग्रामीण आवास के लिए आवंटित धनराशि आवास के तुलना में बहुत ही कम है इस धनराशि को शहरी आवास के तर्ज पर बढ़ाया जाए तथा शहरी आवासों की तर्ज पर ग्रामीण आवासों की मरम्मत के लिए भी धनराशि आवंटित किया जाए।
(12) आंगनवाड़ी द्वारा वितरण पोषाहार कोटेदारों द्वारा खाद्यान्न वितरण का सत्यापन ग्राम प्रधान द्वारा कराई जाए
(13 ) ₹213 रुपया प्रति की दर से मजदूर मजदूरी करने को तैयार नहीं है अतः बढ़ा कर कम से कम ₹400 चार सौ रुपया प्रतिदिन किया जाए
(14) राज्य वित्त आयोग व प्रशासनिक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाए
(15) ग्राम पंचायतों के प्रदत्त केंद्रीय वित्त आयोग की धनराशि से 30 प्रतिशत की कटौती करके उसे क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों को आवंटित किया जाए।
ज्ञापन देते समय मौके पर प्रधान संघ प्रतिनिधि हेमन्त शुक्ला के साथ नीतीश चौधरी, संगीता देवी, नाथूराम गोड, सुरेंद्र कुशवाहा, रीता पाल, सुरेंद्र यादव, अनिता कुशवाहा, अर्जुन , महेश प्रसाद, इरशाद अहमद, ईश्वर चंद्र कुशवाहा, राकेश यादव, इंद्रावती देवी, आदि मौजूद थे।।
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