अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना भारत सरकार की जल जीवन मिशन आई. एस. ए. वेड इम्पार्ट नेचुरल सोसायटी गोरखपुर द्वारा सफल
एम. ए. हक
कुशीनगर: भारत सरकार की अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना ‘‘ जल जीवन मिशन ‘‘ हर घर जल‘‘ के सफल क्रियान्वयन हेतु चयनित इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी (आई.एस.ए.) वेड इम्पार्ट नेचुरल सोसायटी, गोरखपुर के द्वारा श्री पंकज कुमार अधिशासी अभियंता जल निगम (ग्रामीण) कुशीनगर के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन एवं श्री सुमित कुमार, सहायक अभियंता जल निगम (ग्रामीण) कुशीनगर की गरिमामयि उपस्थिति मे माननीय फुलबदन जी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत- बहोरापुर की अध्यक्षता मे कम्पोजिट विद्यालय - बहोरापुर मे ‘जल जागरुकता‘ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जल जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत सर्वप्रथम श्रीमति दीपा कुमारी जी कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका कम्पोजिट विद्यालय, ग्राम पंचायत बहोरापुर के नेतृत्व मे विद्यालय के छात्रों द्वारा सभी आगंतुकों का स्वागतगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया तत्पश्चात श्री पंकज कुमार अधिशासी अभियंता जल निगम (ग्रामीण) कुशीनगर द्वारा छात्रों को संबोधित करते हुए बताया गया कि 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से घोषित जल जीवन मिशन को 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त दबाव के साथ निर्धारित गुणवत्ता की पर्याप्त मात्रा में नल का जल की आपूर्ति का प्रावधान करने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी में लागू किया जा रहा है। जे जे एम यह सुनिश्चित कर रहा है कि ‘कोई भी परिवार छूटा तो नहीं है‘। जेजेएम का प्रयास है कि सबसे गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोगों के साथ-साथ, पहले से वंचित सभी परिवारों को नल जल आपूर्ति सुनिश्चित हो जेजेएम को जो बात अनूठी बनाती है, वह यह है कि इसकी शुरूआत से पहले ग्रामीण भारत में जलापूर्ति की बुनियादी इकाई गांव/बस्ती थी। परिवर्तनकारी कार्यक्रम होने के नाते ‘जल जीवन मिशन‘ ने अब घरों को जलापूर्ति की बुनियादी इकाई बना दिया है। जल जीवन मिशन का एक ही मकसद हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिल सके ताकि उसका स्वास्थ्य ठीक रहे वास्तव में जल का शुद्ध होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसके माध्यम से ही पूरे शरीर में पोषक तत्व जैसे कि विटामिन, मिनरल और ग्लूकोज प्रभावित होते हैं। खाना खाने के बाद उसे पचाने की क्रिया में पानी की अहम भूमिका होती है। ऐसी स्थिति में यदि शरीर को स्वच्छ जल न मिले तो जो कुछ भी खाया या पीया है, वह निरर्थक ही नहीं बल्कि जानलेवा साबित हो सकता है। क्योंकि पचाने की क्रिया में यदि हमारे शरीर में अशुद्ध जल मौजूद है तो वह अन्य खायी गई सामग्री को भी दूषित कर देता है। ऐसी स्थिति में पेयजल का शुद्ध होना बेहद जरूरी है। हर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 12 गिलास शुद्ध पेयजल ग्रहण करना चाहिए। पर्याप्त पानी पीने से त्वचा में नमी बनी रहती है और उसकी चमक बरकरार रहती है। पानी पीने से वजन भी नियंत्रित रहता है। प्यास बुझाने के अलावा, खाना बनाने जैसे तमाम काम पानी के बिना संभव नहीं हैं। नहाने के पानी से लेकर पीने के पानी तक की शुद्धता मायने रखती है। जहाँ अशुद्ध पानी से त्वचा सम्बन्धी बीमारियों को न्यौता मिलता है। अगर आंकड़ों की मानें, तो पीने के पानी में 2100 विषैले तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में बेहतरी इसी में है कि पानी का इस्तेमाल करने से पहले इसे पूरी तरह से शुद्ध कर लिया जाए, क्योंकि सुरक्षा में ही सावधानी है। इसी क्रम में श्री सुमित कुमार, सहायक अभियंता जल निगम (ग्रामीण)द्वारा छात्रों को संबोधित करते हुए बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुशार हर आठ सेकेंड में एक बच्चा पानी से सम्बन्धित बीमारी से मर जाता है, और हर साल 50 लाख से अधिक लोग असुरक्षित पीने के पानी,और गंदगी से जुड़ी बीमारियों से मर जाते हैं। रोगाणुओं, जहरीले पदार्थों एवं अनावश्यक मात्रा में लवणों से युक्त पानी अनेक रोगों को जन्म देता है। बीमारियों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रदूषित पानी का ही हाथ होता है। प्रति घंटे 1000 बच्चों की मृत्यु मात्र अतिसार (दस्त) के कारण हो जाती है जो प्रदूषित जल के कारण होता है। चूँकि पेयजल ही जीवन का आधार है। इस वजह से सरकार पेयजल की शुद्धता पर विशेष ध्यान दे रही है शुद्ध और साफ जल का मतलब है कि वह मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक अशुद्धियों और रोग पैदा करने वाले जीवाणुओं से मुक्त होना चाहिए वरना यह हमारे पीने के काम नहीं आ सकता है। जल हमारे जीवन के लिए अति आवश्यक घटक है, इससे हम वाकिफ तो हैं लेकिन उसके संरक्षण को लेकर आज भी जागरूक नहीं हैं,जल एक सीमित संसाधन है और अब यह सुनिश्चित करना अति आवश्यक है कि जल का जिम्मेदारी से समुचित उपयोग किया जाए। आज देश और दुनिया के कई हिस्सों में पानी की कमी होती जा रही है। लोगों को अपनी दैनिक आवश्यकताओं के साथ ही पीने का पानी भी नसीब नहीं हो रहा इसलिए जल संरक्षण को लेकर जागरूक होने की जरूरत है साथ ही जल की बर्बादी करना बन्द करें और अत्यधिक वर्षा जल की प्राप्ति हेतु अधिक से अधिक पौधों को लगाया जाए।
इसी क्रम में श्री संदीप शर्मा टीम लीडर )द्वारा छात्रों को संबोधित करते हुए बताया गया कि वैसे देखा जाए तो संसार मे सबसे अधिक लगभग दो तिहाई मात्रा में पानी है , परन्तु दुनिया भर में लगभग एक बिलियन लोगों को अभी स्वच्छ जल नहीं मिल रहा है, इसका एक मात्र कारण है की हम लोगों ने अपनी अंधी आधुनिकता की दौड़ मे जल स्रोतों को दूषित कर दिया है, और अब भुगर्भ जल का अंधाधुन दोहन कर रहे हैं, परन्तु एक सीमा के बाद अब वह भी समाप्ति के कागार पर खड़ी है फिर हमें पीने का शुद्ध पानी कहा से मिलेगा यह चिंता का विषय है, हम पानी को बना नही सकते पर उसको बचा जरूर सकते हैं, हम सभी को अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए जल की बर्बादी को रोक कर, जल संरक्षण की समाजिक पहल शुरू करनी चाहिए, साथ ही पर्यावरण के अनुकूल आदतों और व्योहारों को अपनाते हुए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए साथ ही वृक्षों का संरक्षण भी करना चाहिए ,
अब वक्त आ गया है बन और जल संरक्षण के महत्व को समझने और अपनाने का, आज से हम सभी प्रतिज्ञा लें की गाव का पानी गाव में और खेत का पानी खेत में ही रहेगा, जल जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत माननीय फुलबदन जी ग्राम प्रधान , ग्राम पंचायत- बहोरापुर व श्रीमति दीपा कुमारी जी कार्यवाहक प्रधानाध्यापिका कम्पोजिट विद्यालय, ग्राम पंचायत होरीलापुर के नेतृत्व मे विद्यालय के छात्रों द्वारा ग्राम पंचायत में जल जागरूकता हेतु
पानी को हम बचायेंगे - देश में खुशहाली लायेंगे,
जल को बचाना है - विश्व को खुशहाल बनाना है,
जल संरक्षण है एक संकल्प - नही है इसका दूसरा कोई विकल्प, जल संरक्षण को अपनाना होगा - हर व्यक्ति तक जल पहुंचाना होगा, आप पानी बचाये - पानी आप को बचाएगा आदि प्रेरक नारों का उदघोष करते हुए प्रभात फेरी निकाली गई कार्यक्रम के इसी क्रममें छात्रों से जल जागरूकता /जल संरक्षण विषयक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन व पुरस्कार वितरण भी किया गया, इसी क्रम में सभी गणमान्यों द्वारा विद्यालय परिशर मे वृक्षारोपण किया गया कार्यक्रम के अंत में श्री फुलबदन जी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत- बहोरापुर द्वारा आई.एस.ए. -वेड इम्पार्ट नेचुरल सोसायटी, गोरखपुर द्वारा ग्राम पंचायत व विद्यालय में नियमित हैंड वाश, जल जागरुकता, जल संरक्षण एवं सँक्रमण नियंत्ररण , हेतु कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने हेतु सराहना करते हुए संस्था का आभार व्यक्त किया गया साथ ही भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन कराए जाने में संस्था को हर सम्भव सहयोग प्रदान करने हेतु आस्वस्त किया गया
कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमति स्वेता पांण्डेय जी (सहायक अध्यापिका), श्रीमति सुमन जैसवाल जी (शिक्षा मित्र), मो हबीब,अयुब अंसारी, राहुल कुमार, श्री सुनील कुमार ,श्री विनोद शर्मा, साहिना खातून, सन्नो,सानिया, कुमारी चादनी, राजन शर्मा, ईत्यादि की सहभागिता एवं सहयोग रहा
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