डीएम ने किया स्वस्थ पृथ्वी और स्वस्थ मानव जाति के उदघोष के साथ ऐतिहासिक व पौराणिक पारिजात वृक्ष का पौधरोपण

डा0 लल्लन शर्मा की रिपोर्ट 
कुशीनगर: दिनांक 08 जुलाई को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा बुद्ध महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में स्वस्थ पृथ्वी और स्वस्थ मानव जाति के उदघोष के साथ ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यता रखने वाली पारिजात वृक्ष व साल का पौधरोपण किया गया उन्होंने कहा की सभी के कल्याण के लिए पर्यावरण संरक्षण महत्वपूर्ण है। पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिग जैसे हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए तथा पर्यावरण को संरक्षित करने में पेड़ पौधे बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। इसलिए हम सभी को शुभ कार्यक्रमों में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए प्रकृति एवं पर्यावरण को स्वच्छ, स्वस्थ्य एवं रमणीय बनाने हेतु वृक्षारोपण अति आवश्यक है। पौधे पर्यावरण को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। हमारे आसपास जितना अधिक पेड़ पौधे होंगे हमारा पर्ययावरण उतना ही अधिक स्वच्छ और सुंदर होगा उन्होंने बताया कि पारिजात वृक्ष (किन्तूर) भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बाराबंकी ज़िले के अंतर्गत किन्तूर ग्राम में स्थित एक गोरखचिंच का वृक्ष है। भारत सरकार द्वारा संरक्षित यह वृक्ष सांस्कृतिक और पौराणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसका ऐतिहासिक और पौराणिक भी है। यह अफ्रीका के कुछ विशेष भागों में भी पाया जाता है। इसके पुष्प की खास विशेषता है।
पारिजात वृक्ष की कुछ खास विशेषता श्रोत (विकिपीडिया)
गौरतलब है कि लोकमत में इसका संबंध महाभारतकालीन घटनाओं में कुंती, अर्जुन, श्रीकृष्ण से जोड़ता है। लोकमत इस वृक्ष की आयु लगभग 1000 वर्ष मानता है। सन् 2019 में हुए रेडियोकार्बन कालनिर्धारण में इसकी आयु तब 793±37 वर्ष मापी गई। इसके तने काफी मोटे और ऊंचाई लगभग 45 फ़ीट गोरखचिंच जाति के वृक्ष केवल अफ्रीका के कुछ भागों में ही उगते हैं, इसलिए इस वृक्ष की यहाँ उपस्थिति एक रहस्य है।इसका पुष्प श्वेत रंग का और सूखने पर सुनहरे रंग का हो जाता है। इस वृक्ष में पुष्प बहुत ही कम संख्या में और कभी-कभी ही गंगा दशहरा (जून के माह) के अवसर पर लगते हैं। पुष्प सदैव रात्रि में ही पुष्पित होते हैं और प्रातः काल मुरझा जाते हैं। रात्रि के समय पुष्प पुष्पित होने पर इसकी सुगंध दूर-दूर तक फैल जाती है। पारिजात के वृक्ष के साथ साल का भी पौधारोपण किया गया इस अवसर पर छायादार व फलदार पौधे भी लगाये गये। 
 इस अवसर पर नायब तहसीलदार कसया, पर्यटन सूचना अधिकारी प्राण रंजन, प्रभागीय वनाधिकारी वरुण सिंह अपने विभागीय सहयोगियों के साथ उपस्थित रहकर वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिए।

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