कराइ जा रही बाल मजदूरी थमने का नही ले रहे नाम

रामसेवक प्रसाद की रिपोर्ट
बिहार: बगहा सरकार द्वारा तमाम प्रयास के बाद भी बाल मजदूरी को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई संगठन भी कार्यवान्वित किए गए हैं जिसमें मुख्य रूप से मानवाधिकार आयोग तथा बाल संरक्षण विभाग शामिल है। लाख कोशिशों के वावजूद भी बाल मजदूरी थमने का नाम नही ले रहा है। क्योकि जब सरकारी योजनाओं में ही बाल मजदूरी कराई जा रही है तो औरों को कोसने से क्या फायदा। ताजा मामला बगहा अनुमंडल अंतर्गत रतवल धनहा मुख्य मार्ग में धनहा से रतवल तक लगभग चार हजार पेड़ लगाए गए हैं और उन प्रत्येक पेड़ों की रक्षा हेतु बाँस की जाली लगाई गई है जिसको वन विभाग द्वारा पेंट कराया जा रहा है। पांच नाबालिग बच्चे जिनकी उम्र करीब 10 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक होगी। अपने हांथो में पेंट की बाल्टी तथा ब्रश लिए कपड़े हरे रंगों में लिपटे हुए उन बाँस की जालियों को पेंट करते देखा गया। जैसे ही कैमरे को देखा तो बचने का प्रयास करने लगे और खबर को नही चलाने की अपील भी किया। जब बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमे एक जाली पेंट करने के लिए 15 रुपये मिलते हैं और हम सभी मिलकर दिनभर में करीब 50 से ज्यादा जालियों को पेंट कर देते हैं। पेंट कर रहे सभी बच्चे रतवल गांव के रहने वाले हैं। हालांकि बच्चों को पेंट कराने के लिए कौन लाया इसकी पुष्टि के लिए दूरभाष पर सम्बन्धित अधिकारियों से सम्पर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नही हो सका। वही इस विषय पर नियुक्त किये गए गार्ड बनारस यादव से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि यह बच्चे जबरन काम करने आ जाते हैं भगाने के वावजूद भी रोज चले आते हैं।







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