चैत्र के नवरात्र 13 अप्रैल से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष, मंगलवार
प्रमोद साह की रिपोर्ट
बिहार: पश्चिमी चंपारण बेतिया जिला में दिनांक 12 अप्रैल 2021 को बिहार मे विभिन्न क्षेत्र में चैत्र नवरात्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 13 अप्रैल मगलवार से, नए हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो रही है, ग्रह नक्षत्रों की चाल से इस नए वर्ष में, राजा का पद अग्नि व बल के प्रतीक मंगल को प्राप्त हुआ है, मंत्री भी मंगल होंगे, जो इस साल का राज पाठ चलाएंगे, सोमवार को प्रामादी सनवतसर खत्म हो रहा है, इसी के साथ, मंगलवार से आनंद संवत्सर यानी संवत 2078 की शुरुआत हो रही है, हालांकि कुछ ज्योतिषियों की मानें तो इस साल आनंद संवत्सर का लोप हो रहा है, और सीधे राक्षस नाम से संवत्सर की शुरुआत हो रही है, आचार्य पंडित उमेश त्रिपाठी ने संवाददाता को बताया कि नए साल में मंगल के राजा बनने से इस बार कृषि, व्यवसाय के लिए अच्छा रहेगा,हालांकि राक्षस नाम से संवत्सर होने से तामस प्रवृत्तियों की अधिकता देखी जाएगी, लोगों का व्यवहार आकस्मिक और असामान्य रह सकता है, पोरांविक मान्यता है कि सृष्टि रचयिता परम पिता ब्रह्मा जी ने चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को ही सृष्टि की रचना की थी, लिहाजा इसी को आधार मानकर, काल गणना का सिद्धांत चलता आ रहा है ,चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को जो दिन या वार पड़ता है, वही उस संवत्सर का राजा होता है, तथा सूर्य की मेष संक्रांति जिस दिन होती है, इस साल राजा और मंत्री दोनों पद मंगल को ही प्राप्त हो रहा है, मंगल देव के प्रभाव से लोगों में उत्साह और साहस बढ़ेगा, संघर्ष में लोग और अधिक मजबूती से खड़े नजर आएंगे, और मंगलदेव के प्रभाव से लोगों में जीवटता और साहस बढ़ेगा, संघर्ष में लोग और मजबूती से खड़े नजर आएंगे, अवरोध उत्पन्न होगा,मगर प्रवावहीन रहेंगे,इस साल प्रयाप्त बारिश व उन्नत खेती के रूप में नजर आएगा।
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