बिहार के विभिन्न शहरोंऔर गांवों में बाढ़ का प्रकोप, उत्‍तर बिहार में हालात बेकाबू

डॉ0 गौहर अंसारी की रिपोर्ट
बिहार में बाढ़ की भयावहता लगातार जारी है. पटना से लेकर कहलगांव तक गंगा  उफनाई हुई है. गंगा हाथीदह के बाद भागलपुर में भी जलस्तर के पुराने रिकॉर्ड को पार कर चुकी है। भागलपुर में गंगा का इस्माइलपुर-बिंदटोली बाया तटबंध 10 मीटर की चौड़ाई में टूट गया है, जिसे जल संसाधन विभाग के इंजीनियर बंद करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. वैसे पटना में गंगा का जलस्‍तर अब धीरे-धीरे कम होने लगा है. इलाहाबाद से बक्सर तक यह नदी तेजी से उतर रही है. पुनपुन नदी के जलस्‍तर में भी कमी हो रही है. सोन नदी अभी भी लाल निशान के ऊपर बह रही है। उत्तरी बिहार की नदियां भी उफान पर हैं. कोसी, गंडक, बागमती और कमला सहित कई दूसरी नदियां उफान पर हैं. खगड़िया में कोसी लाल निशान से सवा 2 मीटर ऊपर चली गई है. गोपालगंज में गंडक नदी लगभग 34 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बागमती मुजफ्फरपुर में 111 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है तो सीतामढ़ी में भी 150 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर चली गई है. कमला नदी झंझारपुर में लगभग ढाई मीटर ऊपर बह रही है, जबकि जयनगर में यह नदी खतरे के निशान से 45 मीटर ऊपर चली गई है. अधवारा सीतामढ़ी में खतरे के निशान से 140 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जबकि खिरोई दरभंगा में खतरे के निशान से 45 मीटर ऊपर चली गई है. सिवान में घाघरा नदी की बात करें तो वह खतरे के निशान से 43 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।

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