पश्चिमी चंपारण के लिये अभिशाप है। मसान नदी प्रतिवर्ष बर्बादी की कहानी लिख जाती है:- नसीम अख्तर

संजय कुमार पाल की रिपोर्ट
बिहार: प0 चम्पारण बगहा अनुमंडल के अंतर्गत बगहा एक प्रखंड के सलाहा बरियरवा पंचायत निवासी व समाजसेवी नसीम अख्तर ने बताया कि मसान नदी अब पश्चिमी चंपारण के शोक नदी के रूप में जाना जा रहा है। प्रतिवर्ष मसान नदी की बाढ़ बर्बादी का पैगाम लेकर आती है। झारमहूई, अजमलनगर, तमकुही, जमुनिया, जिगना टोला, सिसवा- वसंतपुर, जमादार टोला, सलाहा, हरपुर समेत दो दर्जन गांव के लोगों को बर्बाद करके जाती है।सैकड़ों एकड़ में लगी धान व गन्ना की फसल को निगल जाती है। किसान मूक हो कर बाढ़ व कटाव का दृश्य देखते रह जाते हैं। बाढ़ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष खलीक कुरैशी ने बताया कि जबतक रायबारी महुअवा से तमकुही तक गाइड बांध का निर्माण नहीं होगा क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति नही सुधार सकती किसानों की गाढ़ी कमाई क्षणभर में देखते-देखते मसान के गाल में समा जाती है। अब दो दशक बाद बिहार सरकार का ध्यान गाइड बांध के निर्माण की ओर गया है। सो कयास लगाया जा रहा है। कि शीघ्र ही गाइड बांध निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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