जिला मुख्यालय में हारी हुई प्रत्याशी किरण देवी ने मतगणना में भारी अनियमितता का लगाया आरोप

संजय कुमार पाल की रिपोर्ट
मुखिया प्रत्याशी ने चुनाव मे अनियमितता को ले लगाई न्याय की गुहार
बिहार': प0 चम्पारण बगहा अनुमंडल अंतर्गत प्रखंड बगहा दो के नया गांव रमपुरवा पंचायत में हुए पंचायती चुनाव में आए नतीजे कांटे की टक्कर दर्शा रहे हैं। 33 वोटों के अंतर से मुखिया प्रत्याशियों की जीत हार हुई है। हारी हुई प्रत्याशी किरण देवी ने जिला मुख्यालय में हुई मतगणना में भारी अनियमितता की शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय बिहार सरकार, मुख्य निर्वाचन आयोग पटना, जिला निर्वाचन पदाधिकारी बेतिया, उप सचिव राज्य निर्वाचन आयोग पटना, मुख्य सचिव बिहार सरकार पटना, अनुमंडल पदाधिकारी बगहा तथा प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी बगहा-2 को पत्र लिखा है। लिखे गए पत्र के अनुसार रामपुर नयागांव पंचायत की प्रत्याशी किरण देवी ने मतगणना के समय प्रत्याशी विशेष के शह पर भेदभाव का आरोप लगाया है। संबंध में पूछे जाने पर नयागांव रामपुर पंचायत की मुखिया प्रत्याशी जिन्हें 33 वोटों से पराजय मिली है किरण देवी ने बताया कि मैंने न्याय की गुहार लगाते हुए प्रखंड से लेकर राजधानी तक सभी संबंधित पदाधिकारियों को पत्र लिखा है।  मतगणना के समय मतगणना कक्ष में ईवीएम मशीन का सील पूर्व में ही तोड़ दिया गया था और मतगणना कर लिया गया था जबकि मेरे मतगणना अभिकर्ता बार-बार मतगणना अधिकारियों से अपने पंचायत के मतगणना के बारे में पूछ रहे थे तथा संपर्क में बने हुए थे उस समय मतगणना अधिकारियों के द्वारा बताया जा रहा था कि अभी दूसरे पंचायतों की मतगणना की जा रही है। इसी बीच मेरे पंचायत में सील ईवीएम को कब तोड़ दिया गया पता ही नहीं चला इस संबंध में मेरे द्वारा मतगणना में सम्मिलित पदाधिकारियों से पूछे जाने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया तथा आनन-फानन में 33 वोटों से मुझे हरा दिया गया। जबकि ईवीएम का सील मेरे सामने टुटना मेरा नैतिक अधिकार था, जिसका पालन नहीं किया गया।मेरे द्वारा तुरंत पुनः मतगणना कराने के लिए संबंधित अधिकारियों के पास आवेदन दिया गया मगर पदाधिकारियों के द्वारा टालमटोल किया जाने लगा मतगणना अधिकारी के द्वारा केवल तीन मशीन को खोलकर दोबारा काउंटिंग की गई जबकि मेरी मांग सभी ईवीएम मशीनों की थी मेरे द्वारा बार-बार आग्रह किया जा रहा था कि पुनः मतगणना हो मगर पदाधिकारियों ने मेरी एक नहीं सुनी तथा प्रशासन के सहारे जबरदस्ती मुझे मतगणना कक्ष से बाहर निकाल दिया गया अधिकारियों के रवैया से मुझे ऐसा महसूस हुआ कि पंचायत के मतदाताओं का सहयोग तो मिला मगर पदाधिकारियों ने मुझे हरा दिया। मुखिया प्रत्याशी ने कहा कि निर्वाचन आयोग पटना दुबारा मेरे पंचायत में मतदान कराएं मेरे पंचायत के लोगों का नैतिक अधिकार है। कि वह जिसको चुने वही मुखिया बने। इसमें किसी भी प्रकार की धांधली होना कहीं ना कहीं भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली पर हमला है।

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