जन जन तक खबर पहुंचाने का कार्य करता है पत्रकार- दिलीप कुमार भारती
लकमुद्दीन अंसारी प्रदेश प्रभारी की रिपोर्ट
एक निष्पक्ष पत्रकार का बया
कुशीनगर: यह वही प्रेस और मीडिया है जिसमे अपना दर्द बयां करने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत आधी रात में प्रेस वार्ता बुला कर अपनी व्यथा सुनाई थी लेकिन उसी अदालत में जब न्याय के लिए पत्रकार जाता है। तो उस अदालतों का व्यवहार बदल जाता है। शासन और प्रशासन तो पहले से ही प्रेस की गिद्ध निगाह के लिए खतरनाक है। इसलिए परिवर्तन लाना चाहते हैं। दूसरे वे लोग जो उसकी चमक दमक और दबदबा देखकर अपने आप को संतुष्टि करना चाहते हैं। और तीसरे वे लोग जो उसे बेचने या अपनी सल्तनत को बरकरार रखना चाहते हैं। महामानव ना मानते हुए सिर्फ है। समाज के कई तबके जो वास्तविक तौर पर न केवल अपने उन्हें मानव माना जाए और उन्हें इस विधा और समाज के संरक्षक विचारों के लिए बल्कि अपने पोषित करने के लिए एक निर्धारित सिपाहियों को मदद करने की पेट और परिवार के लिए भी वेतन के साथ ही जीवित रखने हैसियत रखता है। वह भी या तो स्वायत्त है। इतनी बुरी स्थितियों के लिए एक ऐसी स्वायत्त संस्था आप पत्रकार नाम के प्राणी पर में होने के बाद भी क्यों नई पीढ़ी बनाई जाए जो इस बाजारीकरण दबाव रखना चाहते हैं। या उसे पत्रकारिता के क्षेत्र पर आना के दौर पर बाजार के साथ अपने रंग में रंगना चाहते हैं।
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