मुख्यमंत्री को पीड़िता ने शिकायत पत्र भेजकर की दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग

लकमुद्दीन अंसारी प्रदेश प्रभारी की रिपोर्ट
फर्जीवाड़ा मामले में साक्ष्य मिटाने हेतु जिला राजस्व अभिलेखागार से फड़वाया 1347 फसली के बंदोबस्त खतौनी से पन्ना
आदेश के बाद भी दोषियों के विरुद्ध जिम्मेदारों द्वारा नहीं की गई कोई कानूनी कार्रवाई
फर्जीवाड़ा कर पीड़िता के बैनामा की भूमि को हड़पना चाहते हैं भूमाफिया
पडरौना कुशीनगर जनपद के पडरौना कोतवाली अंतर्गत  रफी अहमद किदवई नगर छावनी पडरौना की निवासिनी हाजरा खातून पत्नी मुहम्मद नईम द्वारा मुख्यमंत्री, अपर प्रमुख सचिव राजस्व व जिलाधिकारी कुशीनगर को संयुक्त रूप से शिकायत पत्र भेजकर बैनामे की भूमि को प्रभावित कर हड़पने की नीयत से बनवाए गए फर्जी समझौता का पुल पोल खोलने वाले 1347 फसली के बंदोबस्त खतौनी को दोषियों द्वारा जिला राजस्व अभिलेखागार से दो पन्ना पड़वा दिया गया है जिसके संबंध में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु मांग की गई है।पीड़िता द्वारा दिए गए संयुक्त रूप से पत्र के माध्यम से बताया गया है कि वह पडरौना तहसील के मौजा पडरौना मे खाता संख्या 410 व 411 में आराजी नंबर 2340/0.044 2352 मी. 0.089 कुल रकबा 0.0133 हेक्टेयर में से 1/3 भाग 0.044 1/3 हे0 आवासीय भूमि मेंहदीहसन हसनैन मुबारक अली जियाउलहक आदि से दिनांक 14-11-2011 को क्रय कर काबिज दखल हूं। उक्त आ0न0 में से खुर्शेद, बलाल पुत्रगण सलाउद्दीन, रियाजुद्दीन उर्फ लाला व सैमुद्दीन पुत्र गण बेचई व गयासुद्दीन बशीरुद्दीन अमीरुद्दीन इमामुद्दीन पुत्रगण सैमुद्दीन सह खातेदार द्वारा अपना हिस्सा 1/3 संपूर्ण अंश दिनांक 29-12-2011 को आयशा खातून पत्नी अलाउद्दीन निवासी पडरौना छावनी से विक्रय कर दिया गया उसके बाद खुर्शेद, बलाल रियाजुद्दीन,गयासुद्दीन, बशीरुद्दीन, अमीरुद्दीन व इमामुद्दीन द्वारा प्रार्थिनी की क्रय की गई भूमि हड़पने की नियत से भू-माफियाओं से सांठ-गांठ कर मरे हुए व्यक्तियों बिहारी पुत्र रंजीत (जबकि यह दोनों नाम एक ही व्यक्ति का है) व जुगनू, जुुमराती व कोलाहल पुत्रगण मोहर के बीच दिनांक 02-04-1946 के नाम से फर्जी समझौता बनवाकर तत्कालीन एसडीएम पडरौना को प्रभाव में लेकर गुमराह करते हुए कोर्रा बंटवारा के दाखिल वाद में एसडीएम न्यायालय से एक दिनांक 13-03-2012 को एक पक्षीय आदेश पारित करा लिया गया। जिससे प्रार्थिनी की क्रय की गई भूमि कागजातों मे प्रभावित हो गई। जिसके बाद समझौता दिनांक 02-04-1946 की सत्यता जानने हेतु प्राथिनी द्वारा मार्च 2013 में जिला राजस्व अभिलेखागार में मौजूद पुराने रिकॉर्ड का मुआईना करायी तो पता चला कि समझौता कर्ताओं का समझौता दिनांक से लगभग 6 साल पहले ही मृत्यु हो चुकी है और उनके स्थान पर लड़कों का नाम बतौर वारिस दर्ज है। इसके साथ ही बताया गया कि मुआईना कराने के दो 2 दिन बाद जब वह बंदोबस्त खतौनी 1347 फसली खाता संख्या 273 आराजी नंबर 2352 340 आदि का पक्का नकल लेने गयी तो पता चला की मृतक व्यक्तियों के नाम पर बना फर्जी समझौता का पोल खोलने वाले पन्नो को साक्ष्य मिटाने की नियत से उक्त बंदोबस्त खतौनी से फाड़ दिया गया है। जिसके बाद दिनांक 04-05-2013 को जिला राजस्व अभिलेखागार से खाता संख्या 771 ब का नकल प्राप्त कराया गया। जबकि उक्त खाता का संख्या के फटे दोनों पन्नों का दिनांक 12-08-2009 को प्रदीप शर्मा द्वारा नकल जारी कराया गया है। जिसके बाद पीड़िता के द्वारा उक्त प्रकरण के संबंध में दिनांक 04-06-2013 को पीड़िता द्वारा जिलाधिकारी को अवगत कराया गया जिसको संज्ञान में लेते हुए तत्काल जांच कर कार्रवाई हेतु ओसी अभिलेखागार को निर्देशित किया गया बावजूद इसके आज तक दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे भू माफियाओं द्वारा प्रार्थिनी की क्रय की गई भूमि को हड़पने का प्रयास करते हुए प्रताड़ित किया जा रहा है। उक्त प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कराने कि पीड़िता द्वारा मांग की गई।

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