छात्र नेता रजत ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर श्रद्धांजलि किया अर्पित

एम. ए. हक
स्वतंत्रता सेनानी की विरासत को याद करते हुए
आज, राष्ट्र एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेता, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए एक साथ आता है। आज ही के दिन 1897 में जन्मे बोस का अटूट दृढ़ संकल्प, उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता और अभिनव नेतृत्व पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
देश के सभी कोनों से नागरिकों, राजनीतिक नेताओं और संस्थानों द्वारा बोस के योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। भारत के इतिहास को आकार देने में उनकी भूमिका और साहस, देशभक्ति और निस्वार्थ सेवा की उनकी विरासत को प्रतिबिंबित करने के लिए छात्र नेता रजत मिश्रा ने सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया.18 अगस्त को आयोजित इस कार्यक्रम में प्रेरक भाषणों व नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धांजलि की एक श्रृंखला प्रस्तुत की गई सुभाष चन्द्र बोस जी को श्रृद्धांजलि अर्पित की रजत मिश्रा, जो सामाजिक कार्यों के प्रति अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। ने सफलतापूर्वक छात्रों, समुदाय के सदस्यों और गणमान्य व्यक्तियों को सुभाष चंद्र बोस की विरासत और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान का सम्मान करने के लिए एक साथ लाया इस कार्यक्रम में नेतृत्व, साहस और राष्ट्रीय एकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया, जिसमें बोस के आदर्शों को समाहित किया गया जो आज भी लोगों के बीच गूंजता रहता है। साथ साथ रोचक वर्मा ने बताया कि बोस का आह्वान "तुम मुझे खून दो, और मैं तुम्हें आजादी दूंगा" आज भी गूंजता है, जो हमें स्वतंत्र और एकजुट भारत की लड़ाई में अनगिनत व्यक्तियों द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है। उनके करिश्माई नेतृत्व के कारण आज़ाद हिंद फ़ौज की स्थापना हुई और भारत के लिए अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन बनाने के उनके प्रयासों ने स्वतंत्रता के संघर्ष पर एक अमिट छाप छोड़ी।
उक्त कार्यक्रम मे शामिल होकर छात्र प्रतिनिधि अनुराग यादव ने छात्रो से आव्हान करते हुए कहा जैसा कि हम सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाते हैं, आइए हम न केवल उनके बलिदानों को याद करें बल्कि स्वतंत्रता, एकता और न्याय के उन मूल्यों को बनाए रखने का भी प्रयास करें जिनके लिए वह खड़े थे। उनका जीवन राष्ट्र के लिए प्रेरणा का प्रतीक बना हुआ है क्योंकि हम वर्तमान की चुनौतियों से निपटते हैं और बेहतर भविष्य के लिए प्रयास करते हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आदि लोग मौजूद रहे आशुतोष मिश्रा, रोचक , निर्वेश, हिमांशु, जुवेर, अकरमआयुष बाजपेयी, फैजान रजा, दुर्गेश अबस्थि   आदि लोग

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