हुज़ूर का फरमान, क़ुरआन पढ़ना व पढ़ाना सबसे बेहतरीन काम: मौलाना निसार अमजदी
लकमुद्दीन अंसारी की रिपोर्ट
कुशीनगर: मुस्लिम समुदाय का सबसे मुबारक (पवित्र) महीना रमज़ान शुरू है और पुरी दुनिया में जहां भी मुसलमान हैं वो रोज़ा (उपवास) रख कर ख़ुदा को राज़ी (खुश) करने में लगे हैं। रोज़ा के साथ - साथ नमाज़ और ज़कात/फितरा भी अदा करते हैं ताकि कोई भी ग़रीब इंसान इस मुबारक महीना में भूख या कपड़े की कमी महसूस न करे। रमज़ान की ख़ास इबादत रोज़ा व तरावीह है और तरावीह में कहीं 10/15 तो कहीं 21/27 दिन में क़ुरआन पाक मुकम्मल सुना जाता है। विधानसभा कुशीनगर के अंतर्गत अहिरौली राय (नूरी जामा मस्जिद) में कुछ सालों से ख़तमुल क़ुरआन का एहतेमाम किया जा रहा है और इस साल भी हाफ़िज़ रज़ा हुसैन क़ादरी के द्वारा तरावीह के दौरान 15 दिन में क़ुरआन पाक मुकम्मल कर लोगों को क़ुरआन व रमज़ान के फुयूज़ व बरकात हासिल करने का मौक़ा मिला जो कि बड़ी बात है। मौजूदा इमाम (धर्म गुरु) मौलाना निसार अहमद अमजदी ने मंगल को देर रात आयोजित प्रोग्राम में हदीस का मफहूम बयान करते हुए कहा कि हुज़ूर ने फ़रमाया कि हम में वो लोग सबसे बेहतर हैं जो कुरआन सीखते व सिखाते हैं यानि जो क़ुरआन का इल्म (शिक्षा) हासिल कर दुसरों को तालीम (शिक्षा) देता है वो दुनिया का सबसे बेहतरीन इंसान है। आगे कहा कि खुदा ने अपने नबी से पूछा कि ऐ महबूब क्या जानने वाले (शिक्षित) और न जानने वाले (अशिक्षित) बराबर हैं? तो जवाब मिला कि हरगिज़ नहीं क्योंकि इन दोनों में बहुत फ़र्क है। बाद कहा कि पूरे ग्रामीण जिनको ख़ुदा ने तौफीक़ बख्शा उन लोगों ने कुरआन पाक को सुन कर बेइंतहा सवाब हासिल किया आगे भी हम बेहतर काम की उम्मीद करते हैं। अख़ीर में मुल्क की तरक़्की़ व सलामती के साथ आपसी भाईचारा कायम रखने व एक दूसरे की मदद की दुआ की। इस दौरान मिन्हाज अंसारी (मस्जिद के सदर), सरवर सिद्दीकी (क्षेत्र पंचायत सदस्य), शैख़ सेराज अहमद , अब्दुर्रहमान अंसारी, शमीम अंसारी, जुनैद सिद्दीकी, ज़मीर अंसारी, शैख़ इश्तेयाक़ अहमद, आरिफ़ रज़ा, इरफान रज़ा, माजिद रज़ा, रुस्तम रज़ा, अफ़रोज़ रज़ा व सभी ग्रामवासी मौजूद रहे।
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