26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर एक बेहतरीन तकरीर
एम. ए. हक
मौलाना मुफ्ती शाहबाज आलम अशरफ़ी, हुसैन मस्जिद, गणेशपटी, पडरौना जिला कुशीनगर, के एक बेहतरीन तकरीर
शुरुआत:
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरकातुहु
26 जनवरी का यह मुबारक दिन, हमारे वतन हिंदुस्तान के लिए एक तारीखी और यादगार दिन है। इस दिन हमारा प्यारा देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना और भारतीय संविधान लागू हुआ यह दिन हमें न केवल हमारी आज़ादी की अहमियत याद दिलाता है। बल्कि यह भी सिखाता है। कि हम अपने वतन की तरक्की और भाईचारे के लिए काम करें।
मुख्य बातें:
1.इस्लाम और वतन की मोहब्बत हमारे प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने वतन से मोहब्बत को ईमान का हिस्सा बताया है। और वतन के लिए वफादारी करना हर मुसलमान का फर्ज है।
2.संविधान की अहमियत:
हमारा संविधान हर मज़हब, हर जाति, और हर तबके को बराबरी का हक देता है। और यह हमें इंसानियत और अद्ल-ओ-इंसाफ का पैगाम देता है।
3.हमारी जिम्मेदारियां:
हमें वतन की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए मेहनत करनी चाहिए और तालीम हासिल करना, भाईचारा कायम रखना और गलत राहों से बचना, ये हमारी असल जिम्मेदारियां हैं।
4.इस दिन का पैगाम:
26 जनवरी हमें ये याद दिलाता है। कि हम सभी हिंदुस्तानी हैं। और हमारे दिलों में वतन की मोहब्बत का दीया हमेशा रोशन रहना चाहिए और हमें अपने अमल से यह साबित करना है। कि इस्लाम अमन और इंसानियत का मज़हब है।
अख्तिताम:
दुआ है। कि अल्लाह तआला हमारे मुल्क को हमेशा तरक्की, अमन और भाईचारे की राह पर कायम रखे हमें अच्छे अमल करने और वतन की सेवा का हौसला अता फरमाए आमीन (इस तकरीर को सुनने के लिए हुसैन मस्जिद, गणेशपटी, जिला कुशीनगर, पडरौना में तशरीफ लाएं।)
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