महिला कल्याण से सम्बंधित योजनाओं के क्रियान्वयन पर दिया जोर

एम.ए.हक
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की माननीय उपाध्यक्ष श्रीमती अंजू चौधरी ने आज विकास भवन सभागार में पोषण पंचायत कार्यक्रम के आयोजन के तहत आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित किया तथा मोबाइल फोन वितरण किया
 उक्त कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होनें कहा कि माता घर की विधाता बच्चे का भविष्यनिर्माता होती है। उन्होनें कहा कि  स्वास्थ्य आप की सबसे बड़ी धरोहर होती है। अपना कार्य स्वयं करने की आदत डालें गर्भवती महिलाओं को योगाभ्यास और व्यायाम करने की भी उन्होनें सलाह दी उन्होंने कहा 6 महीने तक के बच्चे को मां का दूध मिलना चाहिए इससे बच्चे के अंदर प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और 6 महीने के बाद बच्चे को अनाज जरूर दें उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए पोषण अभियान चलाया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से उन्होनें कहा कि वे घर- घर जाकर लोगों को जागरूक करें व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारियां दें। डेंगू  से बच्चे को बचाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में बताना है और इस तरीके का कोई केस हो तो तुरंत चेक करवाएं
 माननीय उपाध्यक्ष ने बताया कि पहला 1000 दिन बच्चों के शारीरिक विकास का होता है। बच्चों का विकास इस बात पर निर्भर करता है। कि मां उनको कितना समय देती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की देखभाल जरूरी है। उन्हें प्रोटीन की आपूर्ति होनी चाहिए दाल, सोयाबीन, अनार, टमाटर, ब्राइट रंगीन फल, मौसमी फल इनका सेवन बच्चे और माँ को करना चाहिए बच्चे को सुंदर और स्वस्थ बनाना मां के हाथ में होता है।  घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के संदर्भ में भी लोगों को जागरूक करें और उन्हें समझाएं कि बहू भी बेटियों की तरह होती हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए
 उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए बताया कि आप लोग घर घर जाते हैं तो  सरकार की हर योजनाओं को लोगों को बताएं। दहेज प्रथा का विरोध करें। उन्होंने बुजुर्गों को आदर सम्मान देने की भी बात कही इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेंद्र कुमार राय ने कहा कि आपकी भूमिका सिर्फ पोषाहार तक ही सीमित नहीं है। बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के संदर्भ में भी जागरूकता फैलाई जानी चाहिए इस अवसर पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल फोन भी वितरित किए गए जिसमें अनीता, सुनीता सिक्ता, गीता सुखबलिया, सुनीता दिक्षित, गीता देवी जायसवाल एवं अन्य आंगनवाडी कार्यकत्री भी शामिल थे।

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