बगहा में नवनिर्मित व्यवहार न्यायालय का उद्घाटन बिहार के मुख्य न्यायधीश संजय करौल ने किया

रामसेवक प्रसाद की रिपोर्ट
नवनिर्मित बगहा व्यवहार न्यायालय में 15 न्यायलीय भवन, सुविधा केंद्र और हाजत भवन निर्मित है।
बिहार: प0 चम्पारण दिनांक 20 दिसम्बर 2021को बगहा व्यवहार न्यायालय में रविवार के दिन नवनिर्मित व्यवहार न्यायालय भवन का उद्घाटन बिहार के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने किया है, जिसमें 15 न्यायलीय भवन के साथ ही सुविधा केंद्र और हाजत भवन भी मौजूद हैं। विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर सिंह पश्चिमी चंपारण के जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी, डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण पश्चिमी चंपारण के डीएम कुंदन कुमार ,बगहा एसपी किरण कुमार जाधव के साथ बगहा व्यवहार न्यायालय ,बेतिया व्यवहार न्यायालय ,नरकटियागंज व्यवहार न्यायालय के गणमान्य जज और मजिस्ट्रेट की उपस्थित में फीता काटकर किया कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर मुख्य न्यायाधीश ने शुरू किया कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश के स्वागत में थारू संस्कृति का पारंपरिक नृत्य झमटा की प्रस्तुति हुई जिला एवं सत्र न्यायाधीश बेतिया विजय आनंद तिवारी से मुख्य न्यायाधीश संजय करोल को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया वहीं बगहा के एडीजे प्रथम अविनाश कुमार पांडे ने निरीक्षी न्यायमूर्ति सुधीर सिंह को, एसीजेएम संदीप पटेल ने डीआईजी प्रणव कुमार प्रवीण को, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सोनू कुमार ने डीएम कुंदन कुमार और पी कुमार ने बगहा एसपी किरण कुमार जाधव को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया मुख्य न्यायाधीश संजय करोल ने अपने संबोधन में कहा कि बगहा के लिए नए नवनिर्मित भवन के लिए सभी को शुभकामनाएं है।उन्होंने कहा कि बिहार में न्यायिक व्यवस्था भारत में नंबर वन पर है। पिछले 2 साल में कोरोनावायरस के दौरान भी सबसे ज्यादा मामलों का निपटारा और केस फाइलिंग बिहार में हुआ है। इसके साथ ही पश्चिमी चंपारण जिला में 90 हजार मामले लंबित है, जो चिंता का विषय है। इन मामलो में 100 से अधिक ऐसे मामले हैं। जो 30 वर्ष से पुराने हैं। साथ ही 500 से अधिक ऐसे मामले हैं। जो 20 वर्ष से पुराने हैं। न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी और बार के अधिवक्ताओं से इस मामले में सहयोग करने की अपील है, ताकि लोगों को समय से न्याय मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा की डिफेंस के लोगों के मामलो को प्राथमिकता देकर निष्पादित करें। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में बगहा, बेतिया और नरकटियागंज के न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ताओं को कहा की गरीबों के लिए व्यवहार न्यायालय ही सबसे बड़ा कोर्ट है। इसलिए ऐसा फैसला दें, कि उनको किसी दूसरे न्यायालय में जाने की ज़रूरत नहीं पड़े।कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी प्रो. दीपक कुमार राही ने किया। इस मौके पर बगहा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदु भूषण पांडेय ने कहा की न्यायालय मंदिर है और यह मंदिर ही बना रहे, तो बेहतर होगा। यहां लोग पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ आते हैं। बगहा बार के अधिवक्ताओं में सोहन प्रसाद, गजेंद्र धर मिश्र, शशांक कुमार, मनोज कुमार पांडेय, चंद्रभूषण शांडिल्य सहित दर्जनों अधिवक्ता और बगहा व्यवहार न्यायालय के कर्मीयों में अजय पांडे , तंजीम रब्बानी , मनोज कुमार सिंह आदि भी मौजूद थे।

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